NOT KNOWN FACTS ABOUT पारद शिवलिंग

Not known Facts About पारद शिवलिंग

Not known Facts About पारद शिवलिंग

Blog Article

You are using a browser that isn't supported by Fb, so we have redirected you to definitely a simpler version to give you the greatest practical experience.

- वरदान के कारण नर्मदा नदी का कण-कण शिव माना जाता है. - नर्मदा नदी के शिवलिंग को सीधा ही स्थापित किया जा सकता है, इसके प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती है. - कहा जाता है कि, जहां नर्मदेश्वर का वास होता है, वहां काल और यम का भय नहीं होता है.

पारद शिवलिंग मंत्र : पारद शिवलिंग की पूजा कैसे की जाती हे?

ज्या घरात पारद शिवलिंग असेल तेथे धन धान्य, आरोग्य ,पद प्रतिष्ठा , सुख , भरभराटीचे असते.

परभणी पर्यटन श्री साई जन्मस्थान (पाथरी)

- शिवलिंग की पूजा उपासना शिव पूजा में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है.

पारद एक ऐसा शुद्ध पदार्थ माना गया है जो भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। इसकी महिमा केवल शिवलिंग से ही नहीं बल्कि पारद के कई और अचूक प्रयोगों के द्वारा भी मानी गयी है।

पारदशिवलिंग इतना शक्तिशाली शिवलिंग है की अगर पूजा करने वाले उपासक पर कोई संकट आता है तो यह शिवलिंग स्वयं अपने ऊपर ले लेता है और टुट जाता

पारद शिवलिंग से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।

नैवेद्यात भाताची खीर रोज जमली नाही, सोमवारी तरी ठेवावी.

- थाल या पात्र में एकत्रित जल को पौधों में डाल सकते हैं.

अर्थ - लाखो-कोटी शिवलिंगाची पूजा केल्याने जे फळ प्राप्त होते here त्यापेक्षा कितीतरी पटीने जास्त फळ पारद शिवलिंगाची पूजा आणि दर्शन केल्याने प्राप्त होते.

दोनों ही शिवलिंग अपने आप में महत्वपूर्ण और पूजनीय हैं। पारद शिवलिंग को भगवान शिव का साक्षात् स्वरूप माना जाता है, जबकि स्फटिक शिवलिंग को स्वयंभू रूप माना जाता है। पारद शिवलिंग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और ग्रह दोषों को कम करने में सहायक माना जाता है, वहीं स्फटिक शिवलिंग मन को शांत करने और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक होता है। आप अपनी आवश्यकताओं और पूजा पद्धति के अनुसार इनमें से किसी एक शिवलिंग को चुन सकते हैं।

जुलाई में मंगल करेंगे युवा अवस्‍था में प्रवेश, इन लोगों का चमक जाएगा भाग्‍य, पद-प्रतिष्‍ठा में होगी वृद्धि

Report this page